Review-अनोखा चोर (2015)
Genre-Senseless Comedy
Main character(s)- बांकेलाल,विक्रम सिंह,घासुमल घसियार!
समीक्षा में समझ नहीं आ रहा क्या बताएं...कहानी को लिखें या अपना अनुभव! इस कहानी को शुरू करते ही 5 पन्नो पर ही सिर में दर्द शुरू हो जाता है! कहानी हद से ज्यादा फ़ालतू और predictable बनाई गई है! इसमें एक चोर है जिसको चोट्टादेव से वरदान मिला है कि वो 24 घंटे के लिए कोई भी चीज़ चुरा सकता है..और उसके बाद वो चीज़ वापस अपनी सही जगह पहुँच जायेगी! बांकेलाल यह सुन लेता है और चोर के साथ मिलकर विक्रम के खिलाफ एक महाघिसेला उबाऊ षड़यंत्र 1018वी बार बनाता है! वही होता है इधर षड़यंत्र उधर उसका तोड़! अरे यह तो किसी पागल ऋषि के दिए शाप का काट था...बहुहुहुह मेरी मौत तो ऐसे ही होनी थी..नींद में बांके को शिक्षा शास्त्री दिखता है भाई....हद्द दर्जे की बकवास इस कॉमिक्स में कूट-कूट कर परोसी गई है! डायलॉग्स इतने बेकार और बचकाने हैं कि पढना मुश्किल हो जाता है! फ़िल्मी गानों की पैरोडी मारना, और कई पुरानी कॉमिक्स से उठाये गए हिस्से को दोबारा दिखा देना अब बांकेलाल का ज्यादा समय तक भला नहीं किया जा सकता है! अच्छा होगा...विशाल राव मैसूर जी को कहा जाये कि वो कॉमिक्स ग्रुप्स में आयें...लोगों से जानें कि उन्हें क्या पढना है..कहाँ कमियां हैं...वरना बांकेलाल को इस तरह से बर्बाद करने से अच्छा है..उसको सही कहानियां आने तक विराम दिया जाए! इस कॉमिक्स को छापकर RC ने कागज़ की जो बर्बादी करी है..दुखद है! आप लोग अपने पैसे इसपर बर्बाद ना करें! और RC भी इसको दोबारा रीप्रिंट ना करे!
चित्रांकन में कुछ नया बताने को यहाँ नहीं है...जैसा पिछले कॉमिक्स में बनता आया है..वैसा ही है!
कुल मिलाकर अनोखा चोर को पब्लिश करना RC की एक बहुत भयंकर भूल है...उसकी भूल की सजा पाठक अपनी जेब और दिमाग को ना ही दें तो बेहतर होगा..बाकी जनता की इच्छा!
Ratings :
Story...★☆☆☆☆☆☆☆☆☆
Art......★★★★☆☆☆☆☆☆
Entertainment……★☆☆☆☆☆☆☆☆☆
#Rajcomics,#Bankelal,#Sushantpanda,#Anokhachor
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