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Friday, 3 July 2015

DOGA NIRMOOLAK



Review- डोगा निर्मूलक (2015)
Containing Spoilers (जिनको रिव्यु देखना नहीं पसंद हैं..वो कृपया अपना समय इसको पढ़कर नष्ट ना करें!)
25 Pages/90 Panels (Avg.  3 ½ Panels per page).
Genre-Drama,Action
Main character(s)- डोगा/सूरज,मोनिका,अदरक,चीता,निर्मूलक!

Short Synopsis -
रात का भक्षक जो करीब डेढ़-2 साल पहले आई थी...उसके काफी लम्बे अंतराल के बाद RC ने डोगा की कोई solo कॉमिक्स पेश की है! 25 पेज के इस भाग की कहानी में सिर्फ 3 बातें हैं...
1-डोगा एक नशे का अड्डा तबाह करता है!
2-निर्मूलक उस अड्डे के मालिको से डोगा का सफाया करने की डील करने आता है!
3-सूरज का जन्मदिन लायन जिम वाले मना रहे हैं....सूरज उसका बहिष्कार कर देता है!

कॉमिक्स इतनी बड़ी है कि इसको पढने में आपको मुश्किल से 10 मिनट लगते हैं! सालों के  इंतज़ार के बाद डोगा की कहानी से 10 मिनट का मनोरंजन मिल जाना बहुत अनमोल पल महसूस होते  हैं! इसलिए पूरी तरह से शांतचित्त होकर पढियेगा...कहीं कोई मजेदार जरूरी point मिस ना हो जाए!
यह साल चल रहा है 2015...RC को कहानी लिखवाने में समय भरपूर मिलता है...वो चाहें तो एक से बढ़कर एक आईडिया निकाल सकते हैं! लेकिन वो ऐसा करते नहीं हैं क्यूंकि पाठक डिमांड नहीं करते.. हम इस कॉमिक्स में सबसे पहले खोज रहे थे वो नयी वज़ह... जिससे इसको पढने का औचित्य बनता है...साफ़ शब्दों में इस कॉमिक्स में ऐसा क्या है जो पहले डोगा की किसी कॉमिक्स में नहीं दिखाया गया है?

डोगा ने हज़ारो अड्डे पहले भी तबाह किये हैं, उससे परेशान तो पूरा underworld है..जिनका रोना-पीटना भी बहुत दफा देखा गया है...डोगा को मारने का दावा करने वाले पहले भी आये! लायन जिम वाला किस्सा जो नया जोड़ा गया वो तो सबसे ज्यादा हास्यास्पद है...

एक नई बात जो पता चली है..वो भी जोड़ते हैं.....Old Is Gold कॉमिक्स के पेज 4-8 पर सूरज का जन्मदिन लायन जिम वाले मनाते देखे जा चुके हैं...और इस कॉमिक्स में कहा जा रहा है कि सूरज का जन्मदिन पहली बार मनाया जा रहा है! लेखकों ने तो हद ही कर दी है...पुरानी कॉमिक्स से उल्टा-पुल्टा दिखाने की! -_-

इस बार डोगा तड़के अपनी रात  की गश्त से घर वापिस आता है,अपना costume तक नहीं बदल पाता कि सब उसको हैप्पी बर्थडे का केक दिखा देते हैं! डोगा के घर में घुसने का तरीका देखिये...वो सामने के गेट से जिम के बीचो-बीच से होकर अन्दर आता है...सभी कमरों में चहलकदमी करता है...वो भी अपने चेहरे से मास्क को हटाये हुए...बिना इस बात की परवाह किये कि हो सकता है सुबह के वक़्त कोई बॉडी बिल्डर या हो सकता है कोई मेहमान ही जिम में आया हुआ हो! डोगा जैसे इंसान को हमेशा चौकन्ने रहने चाहिए...... पहले की सभी कॉमिक्स में डोगा हमेशा अपने कमरे में बाथरूम वाले मेनहोल के रास्ते से घर में आता था...या पीछे की किसी खिड़की से..वो भी तब जब सारे हथियार अपने कुत्तो के पास बाहर ही छोड़ दे....लेकिन इस कॉमिक्स में वो अपने पूरे हथियारों के लाव-लश्कर के साथ जिम में दाखिल होता है!
मतलब जिम में मौजूद लोग जानते हैं कि रात में डोगा 10 खतरों से जूझकर,4-5 क़त्ल करके,सिर पर बोझ लेकर वापस आता है...शायद ही कोई अक्लमंद आदमी ऐसा सोचेगा कि सुबह के 5-6 बजे डोगा जैसे व्यक्तित्व के साथ ख़ुशी मनाई जा सकती है....लेकिन अदरक चाचा जैसे ज़हीन और अक्लमंद इंसान भी ऐसी बेवकूफी में लिप्त पाए गए हैं जैसे वो जन्मदिन का केक शाम को नहीं कट सकता था!
यह एक surprise party थी...डोगा को इसका पता नहीं था..लेकिन वो इतना बेफिक्र होकर जिम में इससे पहले कभी दाखिल नहीं हुआ है! मुंबई एक ऐसा शहर है जो कभी नहीं सोता है....जिम ऐसी जगह पर खड़ा है जहाँ हर तरफ ऊंची बिल्डिंग हैं...उसके सामने ही एक मेन रोड मौजूद है (पुरानी कॉमिक्स देखिये...खाकी और खद्दर के समय वाली) आज के समय में हर आदमी के हाथ में मोबाइल और कैमरे रहते हैं....डोगा का सामने से जिम में घुसना एक बहुत बड़ी लापरवाही कही जाएगी! ऐसी चीज़ों का दिखाया जाना डोगा को कमजोर बनाता है!
लेकिन कहानी अभी बाकी थी...
"शेर का बच्चा" के पेज 28-29 को देखिये....चीता जीप से अपने घर और जिम के बीच की दूरी को तय करता है....यांनि वो दूरी इतनी ज्यादा है कि  पैदल तय नहीं करी जा सकती है! मोनिका ने भी यदि ऐसा ही किया है तो यह कमाल का कांसेप्ट है...कि मोनिका जिम से बाहर भागती है...अपने घर जाती है...लोमड़ी की costume पहनती है...वापस जिम आती है...और केक का सत्यानाश कर देती है! इस बार उसको भी  जिम का कोई बंदा नहीं देखता!मतलब लोमड़ी छुपती-छुपाती सिर्फ स्टाइल मारने वहां सूरज के रूम तक आ गई! क्या आप सच में यही दिखाना चाहते हैं...वाकई आप सीरियस हैं?
25 पन्नो में यही महान खोज हुई है..कि लायन जिम के आसपास रहने वाले सभी पुरुष-महिलाएं और बच्चे  सूरदास हैं! वहां ना कोई सुबह-सवेरे टहलने-दौड़ने  निकलता है...ना कोई क्रिकेट-फुटबॉल खेलता मिलेगा...ना कोई घर के बाहर योग करता है...ना पौधों में पानी डालता है...बिल्कुल सुनसान शहर है मुंबई!

***हम यह बातें इसलिए कह रहे हैं क्यूंकि RC  के अनुसार उसके सभी सुपर हीरोज़ में सबसे ज्यादा Realistic approch अगर किसी की है तो वो डोगा है! इसलिए आपको उसकी कहानियों में बदहजमी कराने वाली अनर्गल चीज़ें नहीं डालनी चाहिए!

संवाद- डायलॉग्स सीधे और सरल हैं...पढने लायक और बिना लच्छेदार शब्दों का जाल बुने आम बोलचाल को दिखाया गया है...डोगा भी ज्यादा ओवर एक्टिंग नहीं करता है...सिर्फ काम लायक बोलता है! जिम के अन्दर वाले डायलॉग्स में वो काफी तैश में दिखाया गया है...जिससे बाकी लोग नाराज़ हो जाते हैं...वो सीन देखकर मज़ा आता है! लेकिन वहां पर भी सूरज एक गलती कर जाता है कि उसको जब यह पता है कि जस्टिस चौधरी का परिवार ही उसका परिवार है..तो क्यूँ आज भी इतने सालो से चुपचाप बैठा हुआ है? यह देखना बहुत अजीब लगता है कि वो “क्यूँ फेंका कूड़े पर” बोलने के बाद भी यह नहीं कहता...कि आज ही वो जाएगा जस्टिस चौधरी के पास और अपना अतीत खोलेगा! मतलब या तो भैया सूरज को भी short term memory loss हो चुका है या RC को पिछले किस्से याद नहीं रहते हैं!

आर्टवर्क- दिलदीप जी और विनोद जी का काम अच्छा है....डोगा अच्छा बना है..निर्मूलक वाले पेज भी अच्छे थे...मोनिका,अदरक सभी ठीक ठाक हैं....लेकिन कई जगह महसूस हो रहा है जैसे हम किसी चलते फिरते इंसान को ना देखकर किसी दीवार पर चिपकी तस्वीर को देख रहे हैं....मसलन सामने से देखने पर शरीर चपटा सा प्रतीत हो रहा है...उसमे लचक और उभार नहीं होते...इस कमी को दूर करिए...वहीँ सूरज का चेहरा पुराने मनु जी वाले समय की याद नहीं दिला पा रहा है....उसपर थोड़ी और मेहनत करिए...बाकी आर्ट कम से कम रावण डोगा जैसी कॉमिक्स से कहीं  अच्छा है! बैकग्राउंड पर DDS जी ने काफी ध्यान दिया है....आर्ट के हिसाब से यह 25 पन्ने ठीक थे!
रंगसंयोजन भक्त रंजन जी का है...और कॉमिक्स काफी कलरफुल बनाई गई है!

टिप्पणी- 25 पन्ने किसी कहानी का आईना नहीं होते हैं... डोगा का किरदार RC द्वारा काफी  हिलाते-डुलाते  हुए कहानी में शुरू हुआ है...उम्मीद है इसका अंत ज्यादा बेहतर होगा! RC से अपेक्षा है कि पुरानी कहानियों को भी एक दफा खोल लें....अभी क्यूंकि कहानी शुरू ही नहीं हुई है..इसलिए जैसा देखने को मिला....उतना बता दिया! बाकी के लिए पाठकगण “डोगा बेकाबू”का इंतज़ार करें! उम्मीद करते  है डोगा चाहे बेकाबू हो जाए..पर कहानी मजबूत बनेगी!

Ratings :
Story...★
☆☆☆☆☆☆☆☆
Art......★★★★★★★☆☆☆
Entertainment……★★☆☆☆☆☆☆☆☆

#Rajcomics,#Doga,#Sudeepmenon,#mandaargangele,#Doganirmoolak,#DDS

http://warriorsstrike.blogspot.in/2015/07/doga-nirmoolak.html



1 comment:

  1. Arey ye comics thi ya mazak. Comics abhi padhni hi shuru ki thi ki ho gaya doga bekabu ka promotion aur ho gaya क्रमशः. Ye comics thi ya comics ka teaser

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