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Friday, 5 December 2014

Hachi: A Dog's Tale or Hachiko A Dog's Story (2009)



Hachiko A Dog's Story (2009)
www.youtube.com/watch?v=cSkgXhHbCSw
My Ratings- ★★★★★★★★★☆
Cast- Richard Gere
Genre- Animal,Biopic,Drama
Plot- यह जापान में घटी एक सत्य घटना पर आधारित फिल्म है!
फ़िल्मी रूपांतरण में  Hachiko और उसके मालिक प्रोफेसर Parker Wilson के बीच प्रेम मयी रिश्ते को दिखाया गया  है! जिसमे एक छोटा सा पिल्ला Parker को ट्रेन स्टेशन पर मिलता है! पत्नी के शुरू में खिलाफत के बाद आखिर मान जाने पर वो  Hachiko को अपना लेते हैं!
हर दिन Hachiko अपने मालिक के साथ स्टेशन तक ट्रेन तक छोड़ने जाता है..और उनके वापस ट्रेन से स्टेशन पर आने पर उनको वहीँ मिलता है! यही रोज का रूटीन है! क्यूंकि छोटा सा शहर है..तो इनके इस रिश्ते को दूसरे लोग जिनमे स्टेशन मास्टर,एक hotdog विक्रेता, दुकानदार सभी जानते हैं! सभी के साथ Parker के बहुत अच्छे रिश्ते हैं!
एक दिन जब अपने मालिक के काम पर जाते हुए Hachiko को कुछ अनिष्ट की आशंका होती है! वो उसको रोकने की कोशिश करता है! लेकिन सफल नहीं होता! Parker की क्लास में दिल का दौरा पड़ने से मौत हो जाती है! और वो शाम को स्टेशन पर नहीं आता...जहाँ Hachiko उसका इंतज़ार कर रहा है!
Parker का अंतिम संस्कार कर दिया जाता है..लेकिन Hachiko को इसका  मालुम नहीं चलता! जिस वज़ह से वो गुमसुम रहने लगता है! उसकी हालत को देखते हुए Parker की बेटी उसको आज़ाद कर देती है! जिसके बाद Hachiko  10 साल तक स्टेशन पर बैठकर Parker के वापस आने का इंतज़ार करता रहता है और एक दिन parker की कब्र पर फूल चढाने शहर आई...उसकी पत्नी बूढ़े हो चुके इंतज़ार करते Hachiko को देखती है...और कहानी का अंत होता है!
कुत्ते और इंसान के बीच बहुत ही संवेदनशील कहानी दिखाई गयी है! जिसको देखकर आँखें भर आती हैं! इस फिल्म को देखकर मालुम चलता है..कि जीवन का मर्म इन्ही कुछ बातों में है..जहाँ जीवन बिताने के लिए प्रेम और समर्पण की जरूरत सबसे अधिक है!
मानवीय पक्ष में फिल्म बेहतरीन है! लेकिन इसको कम से कम 20 मिनट छोटा रखा जा सकता था! जिसमे कई गैर जरूरी सीन काटे जाते...जिनका कहानी से ज्यादा लेना देना नहीं था! आधी कहानी तक यह फिल्म आम फिल्मो जैसी ही थी! दूसरा भाग आने पर ही कहानी मुख्य मुद्दे पर केन्द्रित होती है! इस वज़ह से इसका एक अंक कम करना पड़ा! लेकिन ऐसी उद्देश्यपरक  फिल्म को अपने कलेक्शन में रखना गर्व की बात है!

फिल्म के अंत में बताया  जाता है कि 1923 में टोक्यो यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर eisaburo Ueno के Akita Inu नस्ल के कुत्ते Hachiko ने उनके मरने के 9 साल बाद तक उनके वापस आने के इंतज़ार में  हर दिन Shibuya नाम की जगह के ट्रेन स्टेशन पर इंतज़ार करते  हुए 1934 में आखिरी सांस ली! इस घटना की याद में आज भी Hachiko की एक कांसे की प्रतिमा स्टेशन के बाहर उसी जगह बनाई गई है..जहाँ Hachiko रोज इंतज़ार करता था! यह जानकारी पाकर बहुत ज्यादा ख़ुशी महसूस हुई!

Hachiko की प्रतिमा >


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