6-5=2 (2014) Hindi Review
Genre- (Found Footage) Supernatural Horror
My Ratings - ★★★★★★★☆☆☆
Link-http://63download.blogspot.in/2014/11/download-6-52-hindi-bollywood-movies.html
Plot-
23 अक्टूबर 2010 को
4 लड़के हैं- सिद्धार्थ ,हर्ष लुल्ला,भानु जयराज,राजा
2 लड़कियां सुहाना और प्रिया ट्रैकिंग के लिए ------ के जंगलों में जाते हैं! लेकिन वापस सिर्फ राजा आ पाया!
इसके 9 दिनों के बाद रेस्क्यू टीम को सिद्धार्थ का HD कैमरा जंगल में मिलता है! जिसको फिल्म की तरह दिखाया गया है!
जंगल में शुरूआती 2 दिनों के वक़्त में इनके बीच आम दोस्तों की तरह की अच्छे खासे हंसी मजाक से भरे पल दर्शाए गए हैं..जिनमे सभी ने प्रकृति के मनोरम दृश्यों का मज़ा लिया है! हर्ष लुल्ला इनमे सबसे ज्यादा बातूनी बंदा है..जो शरीर से भारी भरकम भी है! उसकी वज़ह से सभी का मन लगा रहता है! सभी अपने बारे में बातें करते हुए चलते जाते हैं... इस ट्रैकिंग जर्नी में ऐसा तय होता है कि एक पहाड़ी के टॉप पर पहुंचकर वापस स्टार्टिंग पॉइंट पर आ जायेंगे!
तीसरा दिन - दिन भर के थके सफ़र के बाद रात में जब यह लोग एक जगह रुकना तय करते हैं..तब कुछ अजीब सी चीज़ें होती हैं..आवाजें और एक पेड़ पर टंगी हुई अनगिनत कंकाल खोपड़ियाँ और वू डू गुड़ियाँ!
चौथा दिन- राजा को बुखार होता है..तो बाकी 5 लोग आगे का सफ़र उसके बिना करने का तय करते हैं! राजा वहीँ पर रुक जाता है! आखिरकार पहाड़ी के टॉप पर यह लोग पहुँच जाते हैं..लेकिन वहां अचानक से सिद्धार्थ के बैग में लगी आग की वज़ह से इनका सारा खाना जल जाता है! कई अजीबोगरीब बातें होती हैं! जिनकी वज़ह से यह लोग डर भी जाते हैं..और वापसी का रास्ता भी भटक जाते हैं!
पांचवा और अंतिम दिन- दिन भर चक्कर काटने पर भी इन्हें सही रास्ते का कुछ पता नहीं चलता! और रात होते ही सबका काम तमाम!
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इस फिल्म को क्यूंकि हैण्ड कैमरा से शूट किया गया है..इसलिए हर वक़्त इमेज इधर हिली..उधर हिली..कहीं से भी सीन शुरू कहीं पर ही ख़त्म वाला मामला है! पर अच्छी एडिटिंग की वज़ह से यह अंत में perfect देखने लायक material कही जा सकती है!
जैसा कि इसमें पेड़ पर लटकी मुण्डियाँ और डॉल्स हैं..यह फिल्म "ब्लेयर विच प्रोजेक्ट" से inspired जरूर है! जैसा कि इसके निर्देशक भी मानते हैं! इसलिए यह मुद्दा ख़त्म है!
हम यह जरूर कहेंगे..क्यूंकि इस फिल्म में होने वाले हादसों और घटनाओं का कोई पुराना explanation देना जरूरी नहीं था..इसलिए कंकाल टांगने वाले पेड़ के दृश्य अगर ना होते..या कुछ और आईडिया डाला जाता तो यह फिल्म उनके लिए ज्यादा बेहतर कही जाती जिन्होंने "ब्लेयर विच प्रोजेक्ट" देखी हुई है!
बहरहाल अपनी Unique Genre में यह इंडियन फीलिंग के हिसाब से एक बढ़िया फिल्म बनाई गई है! 6 दोस्तों के बीच जिस तरह से शुरू में ख़ुशी और अंत में खौफ का वातावरण बन जाता है...वो युवाओं को बहुत पसंद आएगा!
ऐसी फिल्में बहुत जरूरी सन्देश भी देती हैं..कि किस तरह दुनिया भर में लोग सैर सपाटे के जरूरी नियम और कायदे के साथ सावधानी बरतें..तो उनके साथ हादसे ना हो!
सभी एक्टर्स में नेचुरल एक्टिंग करी है! खासकर हर्ष लुल्ला का किरदार आपको हमेशा याद रहेगा!
भारत में हॉरर movies बहुत कम बनती हैं! इस फिल्म ने बहुत कम समय में काफी नाम कमाया है! और काफी हद्द तक यह उस नाम के लायक है!
अंत में 6-5=2 documentry की तरह ना देखें!
फिल्म को आप अगर ऐसे देखें जैसे खुद उसके अन्दर शामिल हो..तो आपको देखने में बहुत आनंद मिलेगा!
Genre- (Found Footage) Supernatural Horror
My Ratings - ★★★★★★★☆☆☆
Link-http://63download.blogspot.in/2014/11/download-6-52-hindi-bollywood-movies.html
Plot-
23 अक्टूबर 2010 को
4 लड़के हैं- सिद्धार्थ ,हर्ष लुल्ला,भानु जयराज,राजा
2 लड़कियां सुहाना और प्रिया ट्रैकिंग के लिए ------ के जंगलों में जाते हैं! लेकिन वापस सिर्फ राजा आ पाया!
इसके 9 दिनों के बाद रेस्क्यू टीम को सिद्धार्थ का HD कैमरा जंगल में मिलता है! जिसको फिल्म की तरह दिखाया गया है!
जंगल में शुरूआती 2 दिनों के वक़्त में इनके बीच आम दोस्तों की तरह की अच्छे खासे हंसी मजाक से भरे पल दर्शाए गए हैं..जिनमे सभी ने प्रकृति के मनोरम दृश्यों का मज़ा लिया है! हर्ष लुल्ला इनमे सबसे ज्यादा बातूनी बंदा है..जो शरीर से भारी भरकम भी है! उसकी वज़ह से सभी का मन लगा रहता है! सभी अपने बारे में बातें करते हुए चलते जाते हैं... इस ट्रैकिंग जर्नी में ऐसा तय होता है कि एक पहाड़ी के टॉप पर पहुंचकर वापस स्टार्टिंग पॉइंट पर आ जायेंगे!
तीसरा दिन - दिन भर के थके सफ़र के बाद रात में जब यह लोग एक जगह रुकना तय करते हैं..तब कुछ अजीब सी चीज़ें होती हैं..आवाजें और एक पेड़ पर टंगी हुई अनगिनत कंकाल खोपड़ियाँ और वू डू गुड़ियाँ!
चौथा दिन- राजा को बुखार होता है..तो बाकी 5 लोग आगे का सफ़र उसके बिना करने का तय करते हैं! राजा वहीँ पर रुक जाता है! आखिरकार पहाड़ी के टॉप पर यह लोग पहुँच जाते हैं..लेकिन वहां अचानक से सिद्धार्थ के बैग में लगी आग की वज़ह से इनका सारा खाना जल जाता है! कई अजीबोगरीब बातें होती हैं! जिनकी वज़ह से यह लोग डर भी जाते हैं..और वापसी का रास्ता भी भटक जाते हैं!
पांचवा और अंतिम दिन- दिन भर चक्कर काटने पर भी इन्हें सही रास्ते का कुछ पता नहीं चलता! और रात होते ही सबका काम तमाम!
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इस फिल्म को क्यूंकि हैण्ड कैमरा से शूट किया गया है..इसलिए हर वक़्त इमेज इधर हिली..उधर हिली..कहीं से भी सीन शुरू कहीं पर ही ख़त्म वाला मामला है! पर अच्छी एडिटिंग की वज़ह से यह अंत में perfect देखने लायक material कही जा सकती है!
जैसा कि इसमें पेड़ पर लटकी मुण्डियाँ और डॉल्स हैं..यह फिल्म "ब्लेयर विच प्रोजेक्ट" से inspired जरूर है! जैसा कि इसके निर्देशक भी मानते हैं! इसलिए यह मुद्दा ख़त्म है!
हम यह जरूर कहेंगे..क्यूंकि इस फिल्म में होने वाले हादसों और घटनाओं का कोई पुराना explanation देना जरूरी नहीं था..इसलिए कंकाल टांगने वाले पेड़ के दृश्य अगर ना होते..या कुछ और आईडिया डाला जाता तो यह फिल्म उनके लिए ज्यादा बेहतर कही जाती जिन्होंने "ब्लेयर विच प्रोजेक्ट" देखी हुई है!
बहरहाल अपनी Unique Genre में यह इंडियन फीलिंग के हिसाब से एक बढ़िया फिल्म बनाई गई है! 6 दोस्तों के बीच जिस तरह से शुरू में ख़ुशी और अंत में खौफ का वातावरण बन जाता है...वो युवाओं को बहुत पसंद आएगा!
ऐसी फिल्में बहुत जरूरी सन्देश भी देती हैं..कि किस तरह दुनिया भर में लोग सैर सपाटे के जरूरी नियम और कायदे के साथ सावधानी बरतें..तो उनके साथ हादसे ना हो!
सभी एक्टर्स में नेचुरल एक्टिंग करी है! खासकर हर्ष लुल्ला का किरदार आपको हमेशा याद रहेगा!
भारत में हॉरर movies बहुत कम बनती हैं! इस फिल्म ने बहुत कम समय में काफी नाम कमाया है! और काफी हद्द तक यह उस नाम के लायक है!
अंत में 6-5=2 documentry की तरह ना देखें!
फिल्म को आप अगर ऐसे देखें जैसे खुद उसके अन्दर शामिल हो..तो आपको देखने में बहुत आनंद मिलेगा!
Accha to nahi bol sakta kyu ki iss waha kisi jaan gae hai but mai ye jaruur pucha na chahunga ki ye forrest hai kaha kya sach me ghost hotey hai , agar hotey hai to saale dikhtey kyu nahi Plz mujhe iss forrest ka naam batao Plz,
ReplyDeleteAccha to nahi bol sakta kyu ki iss waha kisi jaan gae hai but mai ye jaruur pucha na chahunga ki ye forrest hai kaha kya sach me ghost hotey hai , agar hotey hai to saale dikhtey kyu nahi Plz mujhe iss forrest ka naam batao Plz,
ReplyDeleteVelocity of loundiya
DeleteAchha to.kya ye ghatna sach me ghati hai... aur ye jo film.hai ye real shooting hai ya fir .. kuchh aur .
ReplyDeleteYe real shooting hi bhai
ReplyDeleteGuys ye ghatna sachhi me hui hai movie ki seeen hai
ReplyDeleteMovie वास्तविक रूप से सत्य घटना पर आधारित है या बनाई जो एक्टर बताए गए है वो जिंदा है कि mr gye हैं
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