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Thursday 25 April 2013

KAAL KARAAL


Overall rating 
 
4.0
story 
 
4.0
artwork 
 
4.0



काल कराल का concept भूत- भविष्य- वर्तमान का है! क्यूंकि अब अधिकांश कहानियां इसी कांसेप्ट के इर्द गिर्द घूमती रहती हैं..तो अतिश्योक्ति नहीं होती है!
काल कराल कि कहानी में ज्यादा कुछ नया खोजने से भी नहीं मिलता है..और ना ही यह कहानी वर्तमान महानगर या नागराज की है! यह कहानी है सुदूर भविष्य में हो रहे एक षड़यंत्र की...जिसके साथ जुड़े लोगो में एक है "काल कराल" नामक रहस्यमयी व्यक्ति जो की एक विशेष उद्देश्य से वर्तमान में नागराज से टकरा जाता है और इसके बाद कहानी में आगे अनगिनत घटनाएं होती जाती हैं...जिनकी रणभूमि भूत- भविष्य में रखी गयीं हैं !
नागपाशा और गुरुदेव इस बार कहानी की मुख्यधारा में नहीं दिखाई देते हैं...इन दोनों का role साइड में कूद रहे villains का रहा है..जो सिर्फ किस्मत से मिल रहे मौके का फायदा उठा रहे हैं..ना की खुद मौके बना रहे हैं!
"नागराज के बाद " वाली series के बाद नागराज के roles के लिए अब कहानियो में ज्यादा कुछ कहने-सुनने के लिए बचता नहीं है!जबसे उसे नयी नयी शक्तियां मिली हैं..तबसे हर कॉमिक्स में उनमे कोई ना कोई नया इजाफा कर ही दिया जाता है! जैसे कि इस बार नागराज ने अपने शरीर में एक ऐसी शक्ति को धारण कर लिया है...जो की पूरे 1 लाख वर्षो तक लगातार पूरी पृथ्वी को ऊर्जा दे सकती है! इस बारे में नागराज के पेज-28 ..frame -1 के dialogues जरूर पढियेगा..कि अब वो क्या क्या कर सकता है!
पिछले और इस साल आई कुछ कहानियों की तरह इस बार dialogues भारी भरकम meanings वाले नहीं हैं! 2 बार पढने के बाद कहानी normal लगने लगती है!
कहानी फास्ट ट्रैक है...शुरू से लेकर आखिर तक सिर्फ fighting -fighting है....जिसको ब्रेक कहानी खतम होने पर ही लगते हैं! एक्शन पसंद करने वाले पाठको के लिए पूरी तरह मन माफिक!

अनुपम जी ने पूरी मेहनत से कहानी से न्याय करता हुआ artwork तैयार किया है! काल कराल,धुर्रा,मृत्युदूत पहली बार दिखे हैं और अच्छे बने हैं.. जबरदस्त एक्शन scenes को draw करने में अनुपम जी कि टक्कर आज भी कोई आर्टिस्ट नहीं कर सकता है! नागराज की उड़ने वाली पॉवर के आने के बाद मुख्यतः लड़ाइयाँ आसमान में ही होने लगी हैं...जो कि अलग और अच्छी लगती है!
सागर थापा जी की इंकिंग भी artwork को पूरा supoort दे रही है! कुछ कमियां face looks में कई बार महसूस होती हैं...जैसे की छोटे frame में चेहरे खराब लगते हैं और बड़े frame में ठीक ठाक! इस कमी की तरफ ध्यान देने की जरूरत है!
coloring effects normal रहे हैं !
कुल मिलकर यह कहा जा सकता है की जौली जी -अनुपम जी ने पाठको को एक फास्ट एक्शन स्टोरी दी है इस बार! बिना ज्यादा दिमाग पर जोर डाले मज़ा लीजिये!

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